वेदाांता के शेयरों ने इस हफ्ते 15% की वृद्धि के साथ प्रदर्शन किया, निफ्टी मेटल इंडेक्स में 9% मजबूत हुआ। वर्तमान में, वेदांता के शेयर बीएसई पर 447.20 रुपये के स्तर पर हैं। पिछले साल, शेयरों में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई थी और ये 249.75 रुपये से 111% बढ़कर 527.00 रुपये के उच्च स्तर तक पहुंचे। इस बढ़त का कारण अमेरिकी डॉलर की कमजोरी है, जो चार महीने के निचले स्तर पर है। वेदांता डीमर्जर प्रक्रिया में है, जिसमें उसे कुछ बदलाव करने की उम्मीद है। 15 एनालिस्ट में से 9 ने इसे खरीदने की सिफारिश की है।
Vedanta Shares: दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता के लिए यह हफ्ता पिछले साल सितंबर के बाद से सबसे उत्कृष्ट रहा है। निफ्टी का मेटल इंडेक्स Nifty Metal इस हफ्ते 9 फीसदी ऊपर उठ चुका है, और इसमें सबसे अधिक तेजी वेदांता में देखी गई है। इस सप्ताह वेदांता के शेयरों में 15 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। आज की स्थिति को देखें तो वेदांता के शेयर बीएसई पर 0.98 फीसदी की बढ़त के साथ 447.20 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। इंट्रा-डे में ये 1.46 फीसदी बढ़कर 449.95 रुपये के स्तर तक पहुंच गए थे। पिछले साल, वेदांता ने 9 महीने में निवेशकों के निवेश को दोगुना कर दिया था। इसके शेयर पिछले साल 13 मार्च 2024 को 249.75 रुपये के एक साल के निचले स्तर से 9 महीने में 111 फीसदी बढ़कर 16 दिसंबर 2024 को 527.00 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचे थे। वर्तमान में, यह रिकॉर्ड हाई से 15 फीसदी नीचे है।
Metal Stocks में क्यों आई ताबड़तोड़ तेजी?
इस हफ्ते मेटल शेयरों में जो वृद्धि हुई है, वह अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के कारण है। अमेरिकी करेंसी इस समय चार महीने के निचले स्तर पर है और यह 104 रुपये के स्तर को टूटने के कगार पर है। अमेरिका 12 मार्च को एल्युमीनियम और स्टील पर 25% टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, चीन ने इस साल 2025 में अमेरिकी टैरिफ नीति के बावजूद 5 फीसदी की विकास दर को बनाए रखने का लक्ष्य रखा है। चीन ने भी राहत पैकेजों की घोषणा की है। इन सभी कारणों ने मेटल कंपनियों को समर्थन प्रदान किया है। इसके अलावा, ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि भारत कुछ सेफगार्ड ड्यूटी लगा सकता है, जिससे आयात की न्यूनतम कीमत तय होगी और घरेलू स्टील की कीमतों को समर्थन मिलेगा, जिससे घरेलू मेटल कंपनियों को मदद मिलेगी।
Vedanta को लेकर क्या है एक्सपर्ट्स का रुझान?
वेदांता इस समय डीमर्जर प्रक्रिया में है। हाल ही में, वेदांता के शेयरधारकों ने डीमर्जर योजना को मंजूरी दी है, और प्रबंधन को उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में, यानी जून 2025 तक पूरी हो जाएगी। पहले, वेदांता ने अपने कारोबार को छह सूचीबद्ध कंपनियों में बांटने की योजना बनाई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत में कंपनी ने निर्णय लिया कि वह बेस मेटल्स के कारोबार को अपने पास रखेगी, जिससे डीमर्जर के बाद केवल पांच सूचीबद्ध कंपनियां बनेंगी।
शेयरों के संदर्भ में, ट्रेडबुल्स के सच्चितानंद उत्तेकर का कहना है कि इस हफ्ते वेदांता के शेयरों में रिवर्सल देखने को मिला और यह तेजी से 400 रुपये से वापस आया, और महज चार कारोबारी दिनों में तेजी से 440 रुपये की तरफ बढ़ा। सच्चितानंद के अनुसार, 400 रुपये का स्तर समर्थन के रूप में कार्य कर रहा है। यदि यह मौजूदा स्तर से टूटता है, तो 420 रुपये के आस-पास और खरीदारी की जा सकती है। लॉन्ग टर्म में, इसका लक्ष्य 560 रुपये है।
सीएनबीसी-टीवी18 के साथ बातचीत में आनंद राठी के जिगर पटेल ने कहा कि वेदांता ने बेयरेश ट्रेंडलाइन को ब्रेक आउट कर दिया है, जिससे इसमें ट्रेंड रिवर्सल के संकेत मिले हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए एक बार पुलबैक और ट्रेंडलाइन को फिर से टेस्ट करके वापस लौटना आवश्यक है, जिसके बाद यह 480 रुपये की ओर बढ़ सकता है। फिलहाल, इसका समर्थन 430 रुपये पर है।
वेदांता को कवर करने वाले 15 एनालिस्ट्स में से नौ ने इसे खरीदने की सिफारिश की है, पांच ने बेचना और एक ने सेल रेटिंग दी है। सबसे अधिक टारगेट प्राइस इसे आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने दिया है, जो 605 रुपये पर है। वहीं, दूसरी तरफ कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इसे रिड्यूस रेटिंग दी है, और टारगेट प्राइस 465 रुपये रखा है, जो इसका सबसे कम टारगेट प्राइस है।
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